गुरुवार को हुयी इस कॉन्फ़्रेंस में दुनिया के 35 देशों से आए दर्जनों बुद्धिजीवियों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
इस सम्मेलन में सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन द्वारा यमन पर थोपी गयी जंग की तबाही और यमनी राष्ट्र की दयनीय स्थिति पर चर्चा हुयी।
सऊदी अरब की अगुवाई वाला गठबंधन 26 मार्च 2015 से यमन पर हमले कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक रिपोर्ट में हालिया वर्षों में यमन में दुनिया के सबसे बुरे मानवीय संकट के जन्म लेने का उल्लेख किया है। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, इस जंग में अब तक हज़ारों बेगुनाह यमनी हताहत हुए हैं।
इस समय यमन की एक तिहाई जनता को भुखमरी का सामना है। यमन की कुल आबादी 2 करोड़ 90 लाख है।