AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

22 नवंबर 2018

4:53:04 pm
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देश निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है,

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के प्रमुख सैयद अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा कि देश इस समय बड़े महत्वपूर्ण और निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है।

राजधानी सनआ में टीवी स्क्रीन के माध्यम से एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा कि सऊदी हमलों के जवाब में यमन की जनता के पास आत्म रक्षा का अधिकार है और इसके साथ ही देश के लोगों और आज़ाद और स्वाधीन रहने का भी पूरा अधिकार है।

ईदे मीलादुन्नबी के उपलक्ष्य में भाषण देते हुए अंसारुल्लाह आंदोलन के प्रमुख ने कहा कि युवा देश का ख़ज़ाना हैं और दुशमन यह कोशिश कर रहा है कि यमनी युवाओं से उनकी आस्था, उनकी जागरूकता, आत्म सम्मान और नैतिकता छीन ले। उन्होंने चेतावनी दी कि अमरीका तथा उसके क्षेत्रीय घटक और भ्रष्टाचारी अधिकारी अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए अपने विचारों को फैलाना चाहते हैं।

अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा कि यमन के ख़िलाफ़ सऊदी अरब के हमलों का अमरीका की ओर से समर्थन यह साबित करता है कि वाशिंग्टन तकफ़ीरी आतंकियों का समर्थक है।

अंसारुल्लाह के प्रमुख ने फ़ार्स खाड़ी के कुछ अरब देशों  विशेष रूप से सऊदी अरब और इमारात की इस्राईल से संबंध स्थापित करने की कोशिशों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यमन की जनता के लिए फ़िलिस्तीन मुद्दा बहुत महत्व रखता है।

ज्ञात रहे कि यमन पर मार्च 2015 से सऊदी अरब ने युद्ध थोप रखा है जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग मारे गए हैं। वरिष्ठ पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के प्रकरण में सऊदी अरब पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारी दबाव पड़ रहा है जिसे देखते हुए सऊदी अरब ने यमन युद्ध रोकने पर सहमति जताई है मगर टीकाकारों का कहना है कि चूंकि यमन युद्ध में सऊदी अरब अपना कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं कर सका अतः इस बात की संभावना है कि वह संघर्ष विराम के बाद भी अचानक कोई सैनिक कार्यवाही करे ताकि इस तरह से ही उसे कुछ सफलता मिल जाए।