सैयद हसन नसरुल्लाह ने शनिवार को दक्षिणी बैरूत मेंं शहीद दिवस के एक कार्यक्रम में भाग लेने वालों को वीेडियो कांफ़्रेंसिंग द्वारा संबोधित करते हुए ज़ायोनी शासन के साथ संबंधों को किसी भी प्रकार से सामान्य किए जाने की निंदा करते हुए अरब और मुस्लिम राष्ट्रों का अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन को स्वीकार न करने का अह्वान किया।
उन्होंने कहा कि प्रतिरोध का मार्ग, भविष्य बनाने वाला, ठोस और शक्तिशाली है और इससे बहुत सी विजय उपहार स्वरूप मिलती है। उन्होंने कहा कि शहीदों के ख़ून तथा सेना, राष्ट्र और प्रतिरोध के स्वर्णिम त्रिकोण की विभूति से ज़ायोनी दुश्मन में लेबनान पर हमले का साहस नहीं है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीनियों की सैकड़ों कार्यवाहियां विफल बना दीं और यह फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के उच्च मनोबल का उदाहरण है और ग़ज़्ज़ की जनता ने वापसी मार्च जारी रखकर तथा अपने बलिदान देकर यह सिद्ध कर दिया है कि वह ज़ायोनी शासन के आगे नतमस्तक होने वाले नहीं हैं।
ज्ञात रहे कि खेलों और सांस्कृतिक मामलों की इस्राईली मंत्री मैरी रेग्यू के साथ संयुक्त अरब इमारात के जूडो फ़ेडरेश्न के प्रमुख नासिर अत्तमीमी की मुलाक़ात और ज़ायोनी खिलाड़ियों की अबूधाबी के केन्द्र में शराब पीने के फ़ोटो सार्वजनिक होने के बाद तनाव पैदा हो गया और अरब व इस्लामी देशों की जनता विशेषकर संयुक्त अरब इमारात की जनता ने इस पर घोर आपत्ति जताई है।
ज़ायोनी शासन के साथ संबंध स्थापित करने के लिए सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारत सहित कुछ अरब देशों के प्रयास ऐसे समय अंजाम पा रहे हैं कि जब इस्राईल ने वर्षों से फ़िलिस्तीनियों का जीवन दूभर करके अरब और मुस्लिम देशों के एक बड़े क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर रखा है।