सोमवार को मनामा पोस्ट वेबसाइट ने ख़बर दी है कि इस गठबंधन के युवाओं ने बहरैनी जनता से अपील है कि किसी को भी इमाम हुसैन की अज़ादारी के प्रतीकों का अपमान करने की अनुमति न दे।
14 फ़रवरी गठबंधन ने अज़ादारी और उसके प्रतीकों की रक्षा के लिए आशूर के प्रतीकों की रक्षा का नारा दिया है।
इस गठबंधन ने सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि मोहर्रम में इमाम हुसैन (अ) का ग़म मनाना एक पवित्र इबादत है, जिसके बारे में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
ग़ौरतलब है कि पिछले शनिवार को बहरैनी सैनिकों ने सड़कों और गलियों में लगने वाले काले बैनरों को फाड़ दिया था।