रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपनी रिफ़ाइनरियों के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए ईरानी ऑयल टैंकर जहाज़ इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है ताकि इस्लामी गणतंत्र ईरान के ख़िलाफ़ अमरीकी पाबंदियों के असर से ख़ुद को बचा सके।
समाचार एजेंसी रोयटर्ज़ ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि ईरान के तेल के चीनी ग्राहकों ने ईरान से आयातित लगभग पूरे तेल के लिए ईरान की नैश्नल टैंकर कंपनी एनआईटीसी के जहाज़ों को इस्तेमाल करने की व्यवस्था अपनायी है ताकि इस तरह अमरीका की ओर से फिर से लगायी गयी पाबंदियों के बीच तेल की आपूर्ति को जारी रख सके।
सूत्रों के अनुसार, चीन की राष्ट्रीय तेल कंपनी ज़ुहाय ज़ेनरान्ग कार्पोरेशन और एशिया की सबसे बड़ी रिफ़ाइन कंपनी सिनोपेक ग्रुप ने ईरान की राष्ट्रीय ऑयल कंपनी एनआईओसी के साथ हुए समझौते में वर्णित उस अनुच्छेद पर अमल शुरु कर दिया है जिसमें एनआईटीसी के ऑयल टैंकर जहाज़ों के इस्तेमाल का प्रावधान है।
रोयटर्ज़ ने बीजिंग स्थित तेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहाः "यह बदलाव अभी हाल में शुरु हुआ और यह दोनों पक्षों ने लगभग एक साथ फ़ैसला किया।"
बीजिंग स्थित तेल के एक और वरिष्ठ अधिकारी ने कहाः "यह पहली बार नहीं है जब कंपनियों ने इस विकल्प को अपनाया है। जब भी ज़रूरत पड़े तो ग्राहक इसे इस्तेमाल कर सकता है।"
पिछले महीने नई दिल्ली में मीडिया में इस तरह की ख़बरें आयी थीं कि ईरान भारत के तेल के नौवहन को इंश्योरेंस और टैंकर जहाज़ मुहैया कर रहा है ताकि अपने दूसरे सबसे बड़े तेल के ग्राहक को अमरीकी पाबंदियों के फिर से लगने की स्थिति में तेल का निर्यात जारी रख सके।