अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबना : प्राप्त सूत्रों के अनुसार अमेरिकी विश्लेषक ने कहा कि बीबीसी और सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार रोहिंग्या मुसलमान बहुत ही मुश्किल जीवन बसर कर रहे हैं, जो भागने की कोशिश करते हैं वह सीमा पर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं और जो वहाँ रह रहे हैं उन्हें या तो जिंदा जला दिया जाता है या इतना मारा जाता है कि मर जाते हैं, अंत में उन्होंने इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी का कारण इस क्षेत्र के दूरदराज होना बताया और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की कमी है कि उन्होंने इस संबंध में उचित रिपोर्ट दुनिया तक नहीं पहुंचाई ।
michael springman नें एक इंटरव्यू में कहा है कि मेरी निगाह में ईरान के सुप्रीम लीडर के बयान सही है। इसलिये कि मज़हब या क़ौम के नाम पर मुसलमानों या किसी भी क़ौम पर ज़़ुल्म करना बिल्कुल भी सही नही है। अतः पूरी दुनिया को बर्मा की हुकूमत की इस बेरहमी और ज़ुल्म का विरोध करना चाहिये।
source : अबना
शुक्रवार
29 सितंबर 2017
3:17:06 am
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पूरी दुनिया को बर्मा की हुकूमत की बेरहमी और ज़ुल्म का विरोध करना चाहिये।
बीबीसी और सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार रोहियंगा के मुसलमान बहुत ही मुश्किल जीवन बसर कर रहे हैं, जो भागने की कोशिश करते वे सीमा पर अपनी जान गंवा बैठते हैं और जो वहाँ रह रहे हैं उन्हें या तो जिंदा जला दिया जाता है या इतना मारा जाता है कि मर जाते हैं
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