अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: अल लोलो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार धरना देने वाले बहरैनी लोगों ने मग़रिब और इशा की नमाज़ शेख ईसा कासिम के घर के पास और क़रीबी चौराहों पर जमाअत के साथ अदा की।
धरना देने वालों ने जो लगातार 66वे दिन से धरने पर बैठे हैं, इस बात पर जोर दिया कि वह शेख ईसा कासिम के समर्थन और शियों की रक्षा के लिए अपने आंदोलन और प्रतिरोध को जारी रखेंगे।
इस अवसर पर उन्होंने उलमा के खिलाफ़ ऑले ख़लीफा सरकार की क्रूर और हिंसक कार्यवाईयों की भी निंदा की। उन्होंने आले खलीफा सरकार के खिलाफ नारे लगाए और जेलों से राजनीतिक कैदियों और उल्मा की रिहाई की मांग की।
ग़ौरतलब है कि आले ख़लीफा सरकार ने जून 2016 में बहरैन के प्रमुख मौलाना शेख़ ईसा क़ासिम की नागरिकता रद्द कर दी थी जिस पर इस देश की जनता और दुनिया ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
बहरैन में फरवरी 2011 में आले ख़लीफा के विरूद्ध शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है। बहरैन की जनता अपने लिए समान अधिकार, देश में न्याय और एक सार्वजनिक लोकतांत्रिक सरकार के गठन की मांग कर रही है।
source : अबना
गुरुवार
25 अगस्त 2016
4:05:22 pm
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आले ख़लीफा सरकार ने जून 2016 में बहरैन के प्रमुख मौलाना शेख़ ईसा क़ासिम की नागरिकता रद्द कर दी थी जिस पर इस देश की जनता और दुनिया ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।बहरैन में फरवरी 2011 में आले ख़लीफा के विरूद्ध शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है। बहरैन की जनता अपने लिए समान अधिकार, देश में न्याय और एक सार्वजनिक लोकतांत्रिक सरकार के गठन की मांग कर रही है