AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : तेहरान रेडियो
रविवार

26 जून 2016

1:02:46 pm
762475

शैख ईसा क़ासिम के बाद युवाओं को अब कोई नहीं रोक पाएगा।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि ईरान का विकास और प्रगति का एकमात्र मार्ग, संघर्ष और क्रांतिकारी भावना का जीवित होना है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि ईरान का विकास और प्रगति का एकमात्र मार्ग, संघर्ष और क्रांतिकारी भावना का जीवित होना है।
उन्होंने शनिवार की शाम 27 जून के शहीदों के परिजनों और हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के रौज़े की रक्षा करने वाले शहीदों के परिजनों से मुलाक़ात में शहीदों के संघर्ष और उनके परिजनों के धैर्य की सराहना करते हुए उन्हें व्यवस्था का आधार बताया और बल दिय कि ईरान के विकास का एकमात्र मार्ग, संघर्श और क्रांतिकारी भावना का जीवित होना है। वरिष्ठ नेता ने अपने भाषण में सात तीर अर्थात 27 जून 1981 को तेहरान में जम्हूरी इस्लामी पार्टी के कार्यालय में होने वाले आतंकी हमले की 35वीं बरसी की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह अपराध करने वाले तत्व ईरान से फ़रार होने के बाद वर्ष से मानवाधिकार का समर्थन और आतंकवाद के विरोध के दावेदार पश्चिमी देशों में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने इस मुद्दे को यूरोप और अमरीका की बड़ी लज्जा बताया और कहा कि यह आतंकी गुट वही लोग हैं जिन्होंने मानवता और इस्लाम की रक्षा के नमा पर ईरानी राष्ट्र से मुक़ाला किया और 27 जून की घटना तथा आम नगारिकों का जनसंहार जैसे अपराध किए और अंततः सद्दाम जैसे इंसान के साम हो गये और उस समय भी अमरीकी समर्थन में शरण लिए हुए हैं। ज्ञात रहे कि 27 जून को 1981 को तेहरान में जम्हूरी इस्लामी पार्टी के कार्यालय में होने वाले आतंकी हमले में तत्कालीन न्यायपालिका प्रमुख आयतुल्लाह सैयद मुहम्मद हुसैनी बहिश्ती तथा उनके 72 साथी शहीद हो गये थे। वरिष्ठ नेता ने इसी प्रकार बहरैन के वरिष्ठ धर्म गुरू आयतुल्लाह शैख़ ईसा क़ासिम के विरुद्ध इस देश के शासकों के हमलों को उनकी मूर्खता का चिन्ह बताया और बल दिया कि शैख ईसा क़ासिम हमेशा हिंसा व अतिवाद से रोका करते थे किंतु बहरैन के इन मूर्ख शासकों को यह नहीं समझ में आ रहा है कि शैख ईसा क़ासिम को रास्ते से हटाने का मतलब बहरैन के जोशीले युवाओं के सामने से रुकावट को ख़त्म करना है क्योंकि उनके बाद सरकार के खिलाफ आक्रोश में भरे इन युवाओं को कोई नहीं रोक पाएगा।