राष्ट्रपति ने आतंकवाद से संघर्ष के लिए इस्लामी देशों की एकता की ज़रूरत पर बल दिया है।
डाॅक्टर हसन रूहानी ने मंगलवार की शाम मलेशिया के विदेश मंत्री अनीफ़ा अमान से मुलाक़ात में कहा कि खेद की बात है कि आज आतंकी गुट, जिनका सच्चे इस्लाम से कोई संबंध नहीं है, अपने अपराधों को इस्लाम और जेहाद के नाम पर अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि इस समय क्षेत्र को व्यापक समस्याओं का सामना है, कहा कि बड़े व प्रभावी मुस्लिम देशों को एक दूसरे से सहयोग के माध्यम से शत्रुताओं की समाप्ति, इन समस्याओं में कमी और इस्लामी जगत में शांति व स्थिरता पैदा करने के लिए अपनी धार्मिक व मानवीय भूमिका अदा करनी चाहिए। राष्ट्रपति रूहानी ने आर्थिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में ईरान व मलेशिया के बीच सहयोग में विस्तार का स्वागत करते हुए आशा जताई कि दोनों देशों के संयुक्त सहयोग के आयोग के गठन के माध्यम से तेहरान व क्वालालम्पुर के बीच सहयोग में तेज़ी से वृद्धि होगी।
इस मुलाक़ात में मलेशिया के विदेश मंत्री अनीफ़ा अमान ने कहा कि उनका देश सभी क्षेत्रों में ईरान के साथ सहयोग में विस्तार के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों की समाप्ति के बाद दोनों देशों के बीच विज्ञान, पर्यटन व अर्थ व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में क्षमता के अनुसार सहयोग में विस्तार होना चाहिए। उन्होंने इसी प्रकार बल देकर कहा कि इस्लामी जगत की समस्याओं के समाधान के लिए सभी मुसलमानों को एकजुट होना चाहिए और ईरान व मलेशिया इस संबंध में एक दूसरे से सहयोग कर सकते हैं।
source : तेहरान रेडियो
मंगलवार
3 मई 2016
6:56:44 pm
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राष्ट्रपति ने आतंकवाद से संघर्ष के लिए इस्लामी देशों की एकता की ज़रूरत पर बल दिया है।