AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : अबना
शनिवार

12 दिसंबर 2015

3:43:34 pm
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इराक, भारत और पाकिस्तान में इमाम हुसैन (अ) का चेहलुम भव्य रूप से मनाया गया।

इराक और भारत व पाकिस्तान में आज पारंपरिक श्रद्धा और सम्मान से रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का चेहलुम मनाया जा रहा है। इराक में हुसैनी चेहलुम के अवसर पर ढाई करोड़ से अधिक ज़ायरीन कर्बला पहुंचे हैं। इन ज़ायरीन में पच्चीस लाख से अधिक विदेशी ज़ायरीन हैं जबकि विदेशी ज़ायरीन में सब, अधिक संख्या ईरानियों की है।

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार इराक और भारत व पाकिस्तान में आज पारंपरिक श्रद्धा और सम्मान से रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का चेहलुम मनाया जा रहा है। इराक में हुसैनी चेहलुम के अवसर पर ढाई करोड़ से अधिक ज़ायरीन कर्बला पहुंचे हैं। इन ज़ायरीन में पच्चीस लाख से अधिक विदेशी ज़ायरीन हैं जबकि विदेशी ज़ायरीन में सबसे, अधिक संख्या ईरानियों की है।
इराकी जनता ने कर्बला के विभिन्न मार्गों पर पैदल कर्बला जाने वाले ज़ायरीन के लिए हर तरह के आराम की व्यवस्था की थी, जगह जगह टेंट लगे थे जिसमें लोग ज़ायरीन के आराम और सुविधा का पूरा प्रबंध था, इराकी जनता हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के ज़ायरीन की सेवा करना अपने लिए गर्व समझथे हैं और उनके पैर धोते हैं उनके हाथ पैर दबाते हैं और उनके शरीर की मालिश करते हैं ताकि कर्बला के ज़ायरीन ताजा होकर अपने माशूक के रौज़े की ओर बढ़ सकें। इराकी जनता कर्बला के ज़ायरीन के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार रहती है।
कर्बला के रास्ते में हज़रत सैयदुश्शोहदा के ज़ायरीन के लिए सबसे अच्छे भोजन बनाए जाते हैं जो उन्हें आग्रह करके खिलाया जाता हैं। अच्छी चाय और ठंडे पानी का भी पूरा प्रबंध रहता है। इन मार्गों पर ज़ायरीन के लिए सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद हैं जो जरूरत पड़ने पर प्रदान की जाती हैं। इन्हीं रास्तों से होकर अब लगभग ढाई करोड़ से अधिक ज़ायरीन कर्बला पहुंचे हैं। कर्बला में इस समय हज़रत अबुल फज़्ल अब्बास और इमाम हुसैन अ.स. के रौज़ों के बीच और आसपास लाखों लोगों का ठाठें मारता हुआ समंदर देखा जा सकता है। हजारों मातमी अंजुमनें नौहा और मातम करते हुए हजरत सैयदुश्शोहदा इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़े की ओर बढ़ रही हैं।
दुनिया में सबसे बड़ी रैली में बेमिसाल अनुशासन बना रहता है क्योंकि हर अज़ादार एक दूसरे की मदद करने को तैयार रहता है।
अज़ादारी का यह सिलसिला रात तक जारी रहता है। पाकिस्तान से मिली जानकारी के अनुसार कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, फैसलाबाद, झंग, क्वेटा और अन्य शहरों में पारंपरिक जुलूस पूरी शान के साथ निकल चुके हैं। भारत से मिली जानकारी के अनुसार भारत के बड़े शहरों लखनऊ, दिल्ली, मुंबई में चेहलुम के जुलूस बरामद हो चुके हैं जगह जगह सबील लगा कर लोगों ने अज़ादारों की सेवा की और अहलेबैत के चाहने वालों की बड़ी संख्या के अलावा अन्य धर्मों के लोगों ने भी जुलूस में शिरकत की है।