AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : अबना
शनिवार

12 दिसंबर 2015

3:19:53 pm
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पूरे ईरान में इमाम हुसैन (अ) के चेहलुम मनाया गया।

चेहलुम से एक दिन पहले से ही पूरे ईरान में मजलिसे अज़ा और जुलूसों का सिलसिला शुरू हो गया। चेहलुम के दिन पूरे ईरान में सार्वजनिक अवकाश था और रसूल के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के संबंध में मजलिसे अज़ा और जुलूसों का सिलसिला जारी रहा।

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार चेहलुम से एक दिन पहले से ही पूरे ईरान में मजलिसे अज़ा और जुलूसों का सिलसिला शुरू हो गया। चेहलुम के दिन पूरे ईरान में अवकाश था और रसूल के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के संबंध में मजलिसे अज़ा और जुलूसों का सिलसिला जारी रहा।
उधर कर्बला में इमाम हुसैन अ. के अज़ादारों की एक बड़ी संख्या इराक़ और दुनिया के अन्य देशों से इमाम हुसैन अ. का ग़म मनाने के लिए कर्बला पहुंची है। बुधवार बीस सफ़र ईरान में सैयदुश्शोहदा हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का चेहलुम मनाया गया जबकि इराक में गुरुवार को चेहलुम मनाया गया। चेहलुम के संबंध में ईरान और पूरी दुनिया के दसियों लाख ज़ायरीन इराक पहुंचे हैं।
इराक से मिलने वाले समाचार में कहा गया है कि विभिन्न शहरों खासकर नजफ़े अशरफ़ से दसियों लाख ज़ायरीन सय्यदुश्शोहदा हज़रत इमाम हुसैन और उनके वफ़ादार साथियों के चेहलुम में भाग लेने के लिए करबलाए मोअल्ला की ओर पैदल जा रहे हैं। इस बीच ज़ायरीन की बहुत बड़ी संख्या ऐसी है कि अंजुमनों और मातमी बलों के रूप में यह रास्ता तय कर रही है। चेहलुम के अवसर पर करबलाए मोअल्ला में दसियों लाख ज़ायरीन की भीड़ को विश्व मीडिया में जैसा कवरेज किया जाना चाहिए वैसे कवरेज नहीं किया जाता है और यह पश्चिमी मीडिया के दोहरे रवैये का सबूत है।
आज के दिन सय्यदुश्शोहदा हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को चालीस दिन पूरे हुए और प्रसिद्ध कथन के अनुसार आज ही के दिन अहलेबैत , सीरिया से कर्बला लौटे थे। आज के दिन सन इकसठ हिजरी में पैग़म्बरे इस्लाम के सहाबी जाबिर बिन अब्दुल्लाह अन्सारी ने इमाम हुसैन अ. की शहादत के बाद पहली बार आपकी क़ब्र की ज़ियारत की थी।
मफ़ातीहुल जिनान में ग्यारहवें इमाम हज़रत इमाम हसन अस्करी से रिवायत है कि पांच बातें ईमान और शिया होने की निशानी हैं:
1. 51 रकअत नमाज़ (रोज़ाना की नमाज़ें नवाफ़िल के साथ नमाज़े शब)
2. ज़ियारत अरबईन (चेहलुम के दिन इमाम हुसैन अ. की ज़ियारत)
3. दाहने हाथ में अँगूठी
4. खाक पर सजदा करना
5. तेज़ आवाज़ से बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम कहना
चेहलुम के दिन सैयदुश् शोहदा हज़रत इमाम हुसैन अ. की कर्बला में ज़्यारत का बहुत सवाब है।