AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : एरिब.आई आर
सोमवार

19 अक्तूबर 2015

5:56:48 pm
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मेना दुर्घटना को किसी भी स्थिति में नहीं भूलना चाहिए।

सुप्रीम लीडर ने मेना घटना पर पश्चिमी सरकारों की आलोचना करते हुए इस घटना को कभी न भूलने पर बल दिया है।

सुप्रीम लीडर ने मेना  घटना पर पश्चिमी सरकारों की आलोचना करते हुए इस घटना को कभी न भूलने पर बल दिया है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने सोमवार को ईरान की हज कमेटी के अधिकारियों व कर्मचारियों से मुलाक़ात में मेना घटना को बहुत कटु, आश्चर्यजनक व ईश्वरीय परीक्षा बताया और इस बड़ी मुसीबत के संबंध में मानवाधिकार का दावा करने वाले संगठनों व पश्चिमी सरकारों के मौन की आलोचना की। उन्होंने बल दिया, “इस घटना को किसी भी स्थिति में नहीं भूलना चाहिए। कूटनैतिक तंत्र और हज कमेटी की यह ज़िम्मेदारी है कि वह मेना  घटना को  गंभीरता से ले।”
सुप्रीम लीडर ने मेना घटना में हज़ारों मुसलमानों की मौत के लिए मेज़बान देश को ज़िम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, “इस घटना के बाद, इस्लामी जगत को एक स्वर में विरोध जताना चाहिए था किन्तु अफ़सोस की बात है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के अलावा किसी ने आवाज़ न उठायी, यहां तक कि उन देशों ने भी उस तरह से विरोध दर्ज नहीं कराया जिनके नागरिक मेना  घटना में मारे गए।”
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने मेना घटना जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकारों के साथ बातचीत को देश के अधिकारियों ख़ास तौर पर कूटनैतिक तंत्र की ज़िम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा, “घटना के विदित रूप से लगता है कि यह मेज़बान सरकार की लापरवाही से घटी किन्तु हर हाल में यह राजनैतिक विषय नहीं है बल्कि हज़ारों मुसलमनों की जान का मामला है जो उपासना की हालत में एहराम पहने हुए मौत की नींद सो गए इसिलए इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए।”
मेना  घटना पर यूरोप और अमरीका में मानवाधिकार की रक्षा का दम भरने वाले तंत्रों की ख़ामोशी की सुप्रीम लीडरने आलोचना करते हए कहा कि मानवाधिकार की रक्षा का झूठा दम भरने वाले तंत्र और इसी प्रकार पश्चिमी सरकारें, जो कभी कभी दुनिया में एक व्यक्ति की मौत पर हंगामा करती हैं, मेना  घटना पर इसलिए चुप रहीं क्योंकि यह घटना उनके मित्र देश में घटी थी।