AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : abna.ir
रविवार

29 मार्च 2015

1:31:42 pm
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बहरैन:

ऑले ख़लीफा की हुकूमत अवैध है।

बहरैन के चौदह फ़रवरी गठबंधन ने मिस्र के शहर शर्मुश शेख में अरब लीग के शिखर सम्मेलन में शेख हम्द बिन ईसा आले खलीफा की भागीदारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा है कि बहरैन के लोगों ने नवंबर 2014 में देश में मौजूदा तानाशाही की जगह संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में नए राजनीतिक प्रणाली की स्थापना के पक्ष में वोट दिया है

अहलेबैत अ. समाचार एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार बहरैन के चौदह फ़रवरी गठबंधन ने मिस्र के शहर शर्मुश शेख में अरब लीग के शिखर सम्मेलन में शेख हम्द बिन ईसा आले खलीफा की भागीदारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा है कि बहरैन के लोगों ने नवंबर 2014 में देश में मौजूदा तानाशाही की जगह संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में नए राजनीतिक प्रणाली की स्थापना के पक्ष में वोट दिया है और उसके अनुसार वह अपने प्रतिनिधि के रूप में शर्मुश शेख बैठक में शेख हम्द बिन ईसा आले खलीफा की भागीदारी को वैध नहीं समझते हैं। बहरैन के क्रांतिकारी समूहों के गठबंधन ने इस बयान में हम्द बिन ईसा को एक अपराधी व तानाशाह बताते हुए इस बात पर जोर दिया है कि वह केवल अपने परिवार और कुछ विदेशी एजेंटों के प्रतिनिधि हैं जिन्हें वह अपने गिरते हुए ताज व सिंहासन को बचाने के लिए विदेश से बहरैन में लाए हैं।
बहरैन के चौदह फ़रवरी गठबंधन के बयान में अरब देशों के प्रमुखों को अमेरिकी आदेश का पालन करने वाली कठपुतलियां बताते हुये कहा गया है कि अरब प्रमुख इस्राईली सरकार का मुकाबला करने और इस सरकार के चंगुल से अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्रों को आजाद कराने के लिए संयुक्त अरब सेना बनाने के बजाय अपनी देशों के वैध और कानूनी मांगों और शांतिपूर्ण विरोध को कुचलने में लगे हुए हैं और इसका सबूत सुपर द्वीप नामक सेना के हाथों बहरैनी जनता का पतन है।