AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : एरिब.आई आर
रविवार

30 नवंबर 2014

7:51:25 pm
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रोहिंग्या मुसलमानों को देश छोड़ने पर मजबूर कर रही है सरकार

म्यांमार की सरकार अल्पसंख्यक मुसलमानों को इस देश को छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है।

म्यांमार की सरकार अल्पसंख्यक मुसलमानों को इस देश को छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है।
एक मानवाधिकार कार्यकर्ता सैफ़ुल्लाह मोहम्मद ने शनिवार को कहा, “ वे सभी रोहिंग्या मुसलमानों को देश से निकालना चाहते हैं।”
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमान, दुनिया में सबसे ज़्यादा पीड़ित अल्पसंख्यक हैं। ये मुसलमान हिंसा के कारण विस्थापित हुए और पड़ोसी देशों की ओर फ़रार करने पर मजबूर हुए हैं।मानवाधिकार कार्यकर्ता सैफ़ुल्लाह मोहम्मद ने बताया कि मानव तस्कर रोहिंग्या शरणार्थियों को मलेशिया और थाईलैंड जाते वक़्त परेशान करते हैं। म्यांमार से मलेशिया में शरण लेने वाली की महिला शरणार्थी बीबीजान रहीमुल्लाह ने कहा, “ मैंने महिलाओं को परेशान किए जाते देखा। मैंने मानव तस्कर को महिलाओं को ले जाते हुए देखा। वे महिलाओं के साथ दासी जैसा व्यवहार करते हैं। मलेशिया जाते हुए जो कुछ हमारे साथ बीता उसकी हमले कल्पना भी नहीं की थी। अगर मुझे पता होता तो मैं अपने घर में मौत को प्राथमिकता देती।” बीबीजान ने बताया कि उसने तस्कर को 2500 डॉलर दिए।ज्ञात रहे म्यांमार सरकार इस देश के 13 लाख मुसलमानों में से अधिकांश को नागरिकता से वंचित किए हुए है, उन पर आर्थिक, वैवाहिक और व्यवसायिक दृष्टि से पाबंदी लगाए हुए है।मानवाधिकार संगठन थाईलैंड और मलेशिया की रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ दुर्व्यहवार के कारण आलोचना करते हैं।लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन इक्वल राइट्स ट्रस्ट की सदस्य दिमित्रिना पेट्रोवा के शब्दों में, “ रोहिंग्या को सुरक्षा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मलेशिया और थाईलैंड दोनों ही नाकाम रहे हैं। यहां तक कि सेहतमंद युवा भी सफ़र में नहीं बच सके।”