एक कुर्द कार्यकर्ता और उसकी पत्नी ने कूबानी और उसके आसपास के इलाक़ों में तकफ़ीरी आतंकवादियों की हैवानियत और अत्याचारों के दस्तावेज़ और तस्वीरें एकत्रित की हैं।
कुर्द मानवाधिकार कार्यकर्ता और फ़्रीलैंस पत्रकार बरज़ान हलील और उनकी पत्नी हाल ही में कूबानी से जान बचाकर तुर्की पहुंचे हैं। उनके पास आईएसआईएल की पहचान बनने वाले जघन्य अपराधों एवं घिनौने कृत्यों के सैंकड़ों सुबूत हैं।
हलील ने रशिया टूडे की पत्रकार मुराद गज़दीव से बात करते हुए कहा, वहां डाऊन सिंड्रोम से ग्रस्त एक व्यक्ति था। वह स्थिति को नहीं समझ पाया कि वहां से भागना चाहिए या वहीं कहीं छुपना चाहिए। जब आईएसआईएल के आतंकवादी वहां पहुंचे तो उसका सिर क़लम किया औऱ तस्वीरें लीं और सोशल मीडिया पर इस शीर्षक के साथ उन्हें शेयर किया कि “हमने एक काफ़िर और नास्तिक की हत्या कर दी।”
बरज़ान ने उल्लेख किया कि आईएसआईएल के आतंकवादी रसायनिक हथियारों का प्रयोग कर रहे हैं। इस आरोप के सुबूत में उन्होंने कूबानी में ऐसी लाशों की तस्वीरें दिखाईं कि जिनपर व्हाईट फ़ोसफ़ोरस से जलने के निशान थे।
कार्यकर्ता के अनुसार, घाव कितना भी छोटा ही क्यों न हो, मौत निश्चित होती है, जब यह ख़ून में शामिल हो जाता है तो शरीर भीतर से बाहर की ओर जलना शुरू होता है।
कार्यकर्ता की पत्नी रोशन बज़रान का कहना था कि धूम्रपान करने पर आपकी उंगलियां काट दी जाती हैं और अगर कोई महिला किसी ऐसे व्यक्ति के साथ दिखाई देती है कि जो उसका संबंधी नहीं है तो उसे मरने तक पत्थर मारे जाते हैं।
रोशन ने उल्लेख किया कि मई में सीरिया के हलब इलाक़े में आईएसआईएल के आतंकवादियों ने स्कूल जा रहे प्राइमरी स्कूल के बच्चों का अपरहण कर लिया और उन्हें एक मस्जिद में ले गए ताकि उन्हें शरीयत के क़ानून सिखा सकें, जिन छात्रों को याद करने में देर हुई तो उन्हें बिजली का करंट लगाया गया।
रोशन का कहना था कि ऐसे अत्याचार तो जानवर भी नहीं कर सकते।
source : एरिब.आई आर
सोमवार
20 अक्तूबर 2014
7:54:40 pm
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एक कुर्द कार्यकर्ता और उसकी पत्नी ने कूबानी और उसके आसपास के इलाक़ों में तकफ़ीरी आतंकवादियों की हैवानियत और अत्याचारों के दस्तावेज़ और तस्वीरें एकत्रित की हैं।