AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : अबना
रविवार

27 जुलाई 2014

6:21:36 pm
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बहरैन में पत्रकारों की गिरफ़्तारी चिंता का विषय।

बहरैन में मानवाधिकार केंद्र ने कहा है कि ऑले ख़लीफ़ा सरकार पत्रकारों को गिरफ़्तार करके तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है। सौतुल मनामा वेबसाइट के अनुसार ऑले ख़लीफ़ा सरकार तथ्यों को छिपाने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार करके जेलों में डाल रही है

अबनाः बहरैन में मानवाधिकार केंद्र ने कहा है कि ऑले ख़लीफ़ा सरकार पत्रकारों को गिरफ़्तार करके तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है। सौतुल मनामा वेबसाइट के अनुसार ऑले ख़लीफ़ा सरकार तथ्यों को छिपाने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार करके जेलों में डाल रही है।
बहरैन के मानवाधिकार केंद्र ने एक बयान में पत्रकारों की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिन लोगों को स्वतंत्रता, लोकतंत्र और अधिकार व अदालत की मांग करते हुए गिरफ्तार किया गया है उन्हें ऑले ख़लीफ़ा के नौकर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दे रहे हैं।
इस बयान में कहा गया है कि पत्रकारों ने ऑले ख़लीफ़ा का सेंसर तोड़ दिया है और दुनिया को बहरैनी राष्ट्र की मज़लूमियत और अधिकारों के उल्लंघन के प्रति अवज्ञत कराया है और इसलिए उन पर ऑले ख़लीफा के अत्याचारों के पहाड़ तोड़े जा रहे हैं। इस बयान में कहा गया है कि बहरैन के मशहूर पत्रकार अम्मार अब्दुल रसूल को बिना अदालती आदेश के ऑले खलीफा के नौकरों ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है और उन्हें बुरी तरह से शारीरिक यातनाएं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा अम्मार अब्दुल रसूल को अस्सी अंतर-राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। ग़ौरतलब है बहरैनी जनता अपने हनन किये गए अधिकारों की वापसी की मांग और ऑले खलीफा की जाहिलाना भेदभावपूर्ण नीतियों का विरोध कर रही है।