AhlolBayt News Agency (ABNA)

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गुरुवार

10 जुलाई 2014

5:35:36 pm
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अम्मार हकीम

ग़ज़्ज़ा पर इस्राईली हमलों का मुख्य कारण मुसलमानों में आपसी मतभेद।

इराक़ की सुप्रिम इस्लामी काउंसिल के प्रमुख ने क़ानून और नियमों के आधार पर आतंकवाद से संघर्ष की आवश्यकता पर बल दिया है।

इराक़ की सुप्रिम इस्लामी काउंसिल के प्रमुख ने क़ानून और नियमों के आधार पर आतंकवाद से संघर्ष की आवश्यकता पर बल दिया है।
इराक़ी समाचार एजेन्सी की रिपोर्ट अनुसार इराक़ की सुप्रिम इस्लामी काउंसिल के मुख्यालय की ओर से जारी होने वाले बयान में सैयद अम्मार हकीम ने देश में आतंकवाद से मुक़ाबले की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इराक़ी जनता इस्लामी शिक्षाओं और सिद्धांतों पर कटिबद्ध है और उसे आतंकवाद से संघर्ष की प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए।
सैयद अम्मार हकीम ने ग़ज़्ज़ावासियों के विरुद्ध ज़ायोनी शासन के अपराधों की निंदा करते हुए विश्व समुदाय से मांग की है कि वह पीड़ित फ़िलिस्तीनी जनता के संबंध में अपनी ज़िम्मेदारी निभाए और ग़ज़्ज़ा का परिवेष्टन समाप्त कराने का प्रयास करें।
इराक़ की सुप्रिम इस्लामी काउंसिल के प्रमुख ने स्पष्ट किया कि यदि इस्राईल को यह विश्वास होता कि फ़िलिस्तीनियों पर आक्रमण की स्थिति में उसे दुनिया के एक अरब पचास करोड़ मुसलमानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा तो कभी वह पवित्र रमज़ान में फ़िलिस्तीन के निर्दोष लोगों और महिलाओं व बच्चों पर हमले का दुस्साहस नहीं करता।
श्री अम्मार हकीम ने कहा कि कुछ अरब देश फ़िलिस्तीन जनता के विरुद्ध ज़ायोनी शासन के अपराधों के बावजूद इस शासन से अपने संबंधों को समाप्त करने को तैयार नहीं है और यह बहुत ही आश्चर्य की बात है। (