AhlolBayt News Agency (ABNA)

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बुधवार

9 जुलाई 2014

1:45:44 pm
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ईरान ने गज़्ज़ा पर इस्राईली हमलों की निंदा की।

ईरानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने तीन ज़ायोनियों के कथित अपहरण के बहाने फ़िलिस्तीन की निर्दोष जनता पर इस्राईल के पाश्विक हमले को फ़िलिस्तीन की वीर जनता के प्रतिरोध के सामने ज़ायोनियों की बेबसी का सूचक बताया।

ईरानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने तीन ज़ायोनियों के कथित अपहरण के बहाने फ़िलिस्तीन की निर्दोष जनता पर इस्राईल के पाश्विक हमले को फ़िलिस्तीन की वीर जनता के प्रतिरोध के सामने ज़ायोनियों की बेबसी का सूचक बताया।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्ज़िया अफ़्ख़म ने बुधवार को एक पत्रकार सम्मेलन में ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी शासन के अपराधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस बात में शक नहीं कि पवित्र रमज़ान में फ़िलिस्तीनी राष्ट्र पर इस प्रकार के हमले के कारण मुसलमान देशों, राष्ट्रों और विश्व के स्वतंत्रता प्रेमी राष्ट्रों के बीच इस्राईल से नफ़रत और बढ़ेगी और वह और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक अलग-थलग पड़ जाएगा। उन्होंने पवित्र रमज़ान के महीने में ज़ायोनी शासन के बर्बरतापूर्ण हमले के विरुद्ध ग़ज़्ज़ा सहित दूसरे क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध की भावना की सराहना करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों और ज़ायोनी शासन के समर्थकों को चाहिए कि ठोस दृष्टिकोण द्वारा मानव त्रासदी को जन्म लेने और फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईल के हमले को रुकवाएं।
मर्ज़िया अफ़्ख़म ने बल दिया कि मुसलमान और पश्चिमी देशों तथा मानवाधिकार के समर्थक संगठनों को चाहिए कि वे इस्राईल के अपराधों की अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में शिकायत करने के फ़िलिस्तीनियों के क़दम का समर्थन करें और इस्राईल के मानवता विरोधी अपराधों के ख़िलाफ़ तुरंत प्रतिक्रिया दें।
उन्होंने इसी प्रकार वियना में ईरान और गुट पांच धन एक के बीच जारी वार्ता की ओर संकेत करते हुए आशा जतायी कि दोनों पक्ष एक स्थायी, न्यायपूर्ण एवं तार्किक सहमति तक पहुंचने में सफल होंगे। मर्ज़िया अफ़्ख़म ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि ईरान और गुट पांच धन एक के बीच वार्ता में ईरान के परमाणु अधिकार को मान्यता दी जाए, कहा कि वार्ता आसान विषयों से कठिन विषयों की ओर बढ़ रही है और कुछ मुद्दों पर मतभेद बाक़ी हैं किन्तु वार्ता सघन एवं गंभीर रूप से जारी है। उन्होंने कहा कि वार्ता में प्रगति हुयी किन्तु प्रगति की रफ़्तार धीमी है और सामने वाले पक्ष को चाहिए कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के संबंध में तथ्यों को मद्देनज़र रखते हुए बुद्धिमत्तापूर्ण फ़ैसला करे।