:قال الامام علی علیهِ السلام
هَلَكَ فِیَّ رَجُلَانِ: مُحِبٌّ غَالٍ، وَ مُبْغِضٌ قَالٍ
हज़रत इमाम अली :
मेरे बारे में दो किस्म के लोग तबाह और बर्बाद हुए
एक वह चाहने वाला जो हद से बढ़ जाए,
एक वह दुश्मन जो अदावत और दुश्मनी रखे और तौहीन करे।
नहजुल बलाग़ा,हिकमत नं.117