AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शनिवार

4 मई 2024

4:01:35 am
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मणिपुर हिंसा को एक साल पूरा, अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत

मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ की वजह से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष छिड़ा जिसने वहां के बाशिंदों के

भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा हड़के हुए एक साल पूरा हो गया है। इस अवधि में सैंकड़ों लोग मरे गए जबकि लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा है। मणिपुर में जातीय हिंसा को एक साल हो गया और उसका दंश आज भी लोगों को सता रहा है। मणिपुर पिछले साल इन्हीं दिनों में दो समुदायों में बंट गया और पीढ़ियों से साथ रहने वाले परिवार व पड़ोसी अलग हो गए। हजारों लोगों की जिंदगी उलट गई।

मतभेद शुरू हुआ जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ की वजह से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष छिड़ा जिसने वहां के बाशिंदों के रोजमर्रा की जिंदगी पर अनगिनत तरीकों से असर डाला।

इससे पहले पूर्वोत्तर राज्य के यह मुख्य जातीय समूह ऐतिहासिक रूप भौगोलिक स्थिति के मुताबिक यहां रहते आ रहे थे। घाटी में मैतेई, दक्षिणी पहाड़ियों में कुकी और उत्तरी पहाड़ियों में नागा, लेकिन यह समुदाय बीते साल मई तक कभी भी पूरी तरह से इतनी दुश्मनी के साथ अलग नहीं हुए थे। अब मैतेई आबादी इंफाल घाटी में है और कुकी पहाड़ियों में चले गए हैं। राज्य की गहरी जातीय दरारों ने इस राज्य को मैदानी और पहाड़ी जिलों की सीमाओं में बांट दिया।