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source : ابنا
गुरुवार

2 मई 2024

9:15:23 am
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क़ुरआनी चर्चा

खबरदार ! अल्लाह की नाफरमानी न हो

“तक़वल्लाह” का मतलब, जिसका अनुवाद आम तौर अल्लाह से डरना, अल्लाह का खौफ रखें किया जाता है, ख़ुदा के ख़ौफ़ का मतलब यही है, यानी पूरी तरह चौकन्ना रह कर इस बात का ख़याल रखिए कि अल्लाह के आदेश के ख़िलाफ़, उसके हुक्म और मनाही के ख़िलाफ़ कोई काम न हो, यही तक़वा है।

क़ुरआने मजीद में जहाँ भी “तक़वा” शब्द है, उसका मतलब है पूरी निगरानी, पूरी तरह चौकन्ना रहना। उस शख़्स की तरह जो उलमा के लिबास की तरह, लंबा लिबास पहन कर, कांटों भरे रास्ते पर चल रहा है, तो वह चौकन्ना रहता है कि कहीं कोई कांटा, उसके लिबास में न लग जाए, हर क़दम पर और हर पल चौकन्ना रहिए। अपने पैरों के नीचे भी देखिए और ये भी देखिए कि यहाँ पर वह जगह कहाँ है जहाँ कांटे कम हैं, उसी तरफ़ बढ़ें।

मतलब यह कि नीचे भी देखें और आगे भी देखें, यही तक़वा है। “तक़वल्लाह” का मतलब, जिसका अनुवाद आम तौर अल्लाह से डरना, अल्लाह का खौफ रखें किया जाता है, ख़ुदा के ख़ौफ़ का मतलब यही है, यानी पूरी तरह चौकन्ना रह कर इस बात का ख़याल रखिए कि अल्लाह के आदेश के ख़िलाफ़, उसके हुक्म और मनाही के ख़िलाफ़ कोई काम न हो, यही तक़वा है।

ऐसे ही अवसरों पर जब क़ुरआने मजीद कहता है कि “अगर तुम सब्र करो और तक़वा अपनाओ” तो उसकी एक ख़ासियत हैः यह तक़वा, दुश्मन के सिलसिले में तक़वा है। यानी चौकन्ना रहना, दुश्मन पर नज़र रखना, उसकी हरकतों पर गहरी नज़र रखना, उसके मुक़ाबले में अपने क़दमों की निगरानी करना, उसके अभ्यासों व कामों की निगरानी करना, अपने उस काम की तरफ़ से चौकन्ना रहना जो संभावित रूप से आपकी ग़फ़लत का इशारा दे।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई

28 अगस्त 2017