सऊदी अरब में "महिलाओं के अधिकारों और कपड़ों की पसंद" को लेकर आवाज़ उठाने वाली महिला कार्यकर्ता मनाहल अल-उतैबी को 11 साल जेल की सज़ा सुनाई गई है। मानवाधिकार समूहों ने उनकी "तत्काल और बिना शर्त" रिहाई की मांग की है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब से 29 वर्षीय फिटनेस प्रशिक्षक को रिहा करने का आह्वान किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मनाहिल को अपनी पसंद के कपड़ों और राज्य की पुरुष संरक्षकता प्रणाली को समाप्त करने की अपील करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के लिए 11 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल और ब्रिटेन स्थित 'ALQST' के अनुसार, मनाहिल अल-उतैबी के खिलाफ मामला इस साल जनवरी में एक विशेष आतंकवाद विरोधी आपराधिक अदालत में शुरू किया गया था।
अब सऊदी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधियों के अनुरोध पर औपचारिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अल उतैबी को "आतंकवादी अपराधों" के लिए दोषी ठहराया गया है।
मानवाधिकार समूहों ने आरोप लगाया है कि नवंबर 2022 में गिरफ्तारी के बाद अल उतैबी को रियाज़ जेल में शारीरिक और मनोवैज्ञानिक यातना दी गई थी। अल उतैबी को पिछले साल अप्रैल तक लगभग पांच महीने तक गायब कर दिया गया था। अप्रैल में, उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया और बताया कि उसे एकान्त कारावास में रखा जा रहा है।
मानवाधिकार समूहों ने कहा कि टॉर्चर के नतीजे में अल उतैबी का पैर टूट गया था और शारीरिक तथा मानसिक शोषण के साथ साथ उन्हें चिकित्सा सुविधा से भी वंचित रखा गया।