AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
गुरुवार

2 मई 2024

5:46:42 am
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शरहे हदीस

मोमिन की इलाही और नबवी सिफ़त

जब तक मोमिन में तीन आदतें न हों इंसान हक़ीक़ी मोमिन नहीं हो सकता। एक खूबी अपने रब की, एक अपने नबी की और एक अपने इमाम की।

لاَ يَكُونُ اَلْمُؤْمِنُ مُؤْمِناً حَتَّى يَكُونَ فِيهِ ثَلاَثُ خِصَالٍ سُنَّةٌ مِنْ رَبِّهِ وَ سُنَّةٌ مِنْ نَبِيِّهِ وَ سُنَّةٌ مِنْ وَلِيِّهِ فَالسُّنَةُ مِنْ رَبِّهِ كِتْمَانُ سِرِّهِ قَالَ اَللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ عالِمُ اَلْغَيْبِ فَلا يُظْهِرُ عَلى غَيْبِهِ أَحَداً إِلاّ مَنِ اِرْتَضى مِنْ رَسُولٍ وَ أَمَّا اَلسُّنَّةُ مِنْ نَبِيِّهِ ص فَمُدَارَاةُ اَلنَّاسِ فَإِنَّ اَللَّهَ عَزَّ وَ جَلَّ أَمَرَ نَبِيَّهُ ص بِمُدَارَاةِ اَلنَّاسِ فَقَالَ خُذِ اَلْعَفْوَ وَ أْمُرْ بِالْعُرْفِ وَ أَعْرِضْ عَنِ اَلْجاهِلِينَ وَ أَمَّا اَلسُّنَّةُ مِنْ وَلِيِّهِ فَالصَّبْرُ فِي اَلْبَأْسَاءِ وَ اَلضَّرَّاءِ فَإِنَّ اَللَّهَ عَزَّ وَ جَلَّ يَقُولُ وَ اَلصّابِرِينَ فِي اَلْبَأْساءِ وَ اَلضَّرّاءِ أَمَّا اَلسُّنَّةُ مِنْ وَلِيِّهِ فَالصَّبْرُ فِي اَلْبَأْسَاءِ وَ اَلضَّرَّاءِ

इमाम रज़ा (अ.स.) ने फ़रमाया जब तक मोमिन में तीन आदतें न हों इंसान हक़ीक़ी मोमिन नहीं हो सकता। एक खूबी अपने रब की, एक अपने नबी की और एक अपने इमाम की।

इलाही सिफ़त यह रहस्य को पोशीदा रखे, अल्लाह का इरशाद है कि अल्लाह ग़ैब जानता है और अपने नबियों के अलावा किसी को खबर नहीं देता जिस से वह राज़ी हो।

नबी और उसके रसूल की खूबी यह है कि लोगों के साथ नरमी से पेश आए। खुदा ने अपने रसूल को लोगों से नेकी और रहम से पेश आने की तलक़ीन की और फ़रमाया लोगों से नरमी से पेश आओ, उन्हें नेकी पर आमाद करो और नादानों से दूर रहो।

अपने इमाम की खूबी यह कि मुश्किलात पर सब्र करे। अल्लाह का फरमान है कि जो मुश्किलात और मसाएब में साबिर हैं।

الخصال الشيخ الصدوق الصفحة ٨٢