AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

1 मई 2024

7:46:16 am
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फ़ित्ना और फसाद हो तो ....

न तो उसकी पीठ पर सवारी की जा सकती है और न उसके थनों से दूध दुहा जा सकता है।

.قَالَ (علی علیه‏ السلام )کُنْ فِی الْفِتْنَهِ کَابْنِ اللَّبُونِ لَا ظَهْرٌ فَیُرْکَبَ وَ لَا ضَرْعٌ فَیُحْلَبَ

इमाम अली अ.स.

फ़ित्ने और फ़साद में उस तरह रहो जिस तरह ऊंट का वह बच्चा जिसने अभी अपनी उम्र के दो साल ख़त्म किए हैं कि न तो उसकी पीठ पर सवारी की जा सकती है और न उसके थनों से दूध दुहा जा सकता है।

कलेमाते क़ेसार 1