AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
मंगलवार

30 अप्रैल 2024

7:46:31 am
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शरहे हदीस

लोगों की नज़र में नापसंद होना

सदक़ा कामयाब दवा है और दुनिया में बंदों के जो आमाल हैं वह आख़ेरत में उनकी आंखों के सामने होंगे।

 قَالَ علی عليه ‏السلام : مَنْ رَضِيَ عَنْ نَفْسِهِ كَثُرَ السَّاخِطُ عَلَيْهِ وَ الصَّدَقَةُ دَوَاءٌ مُنْجِحٌ وَ أَعْمَالُ الْعِبَادِ فِي عَاجِلِهِمْ نُصْبُ أَعْيُنِهِمْ فِي آجَالِهِم‏

जो शख़्स अपने को बहुत पसन्द करता है वह दूसरों को नापसन्द हो जाता है और सदक़ा कामयाब दवा है और दुनिया में बंदों के जो आमाल हैं वह आख़ेरत में उनकी आंखों के सामने होंगे।

क़ुरान में इरशादे इलाही यूं है उस दिन लोग गिरोह गिरोह (क़ब्रों से) उठ खड़े होंगे ताके वह अपने आमाल को देखें तो जिसने ज़र्रा बराबर भी नेकी की होगी उसे देख लेगा और जिसने ज़र्रा बराबर भी बुराई की होगी वह उसे देख लेगा।