AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
मंगलवार

30 अप्रैल 2024

5:24:21 am
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अहले बैत के फॉलोवर वर्तमान युग में निभा रहे हैं अहम् भूमिका

युवाओं को मैदान में उतरना होगा, दृढ़ इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है। शहीद कासिम सुलेमानी कहते थे कि तुम्हें मैदान में रहना चाहिए। दीन इंसान की निजात का फार्मूला है, हमें धर्म और उसके सत्य की ओर पलटना चाहिए।

"इस्लाम संवाद और ज़िंदगी का धर्म" शीर्षक के साथ आयोजित होने वाली कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए ब्राज़ील पहुंचे अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेम्बली के सेक्रेटरी जनरल आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने अपनी ब्राज़ील यात्रा के दौरान लैटिन अमेरिकी देश के मुसलमान जवानों के सम्मेलन में भाग लिया और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि अश्लीलता और नग्नता के इस युग में अहले-बैत (अ.स.) के फॉलोवर्स के रूप में हमारा मुख्य कर्तव्य क्या है? पश्चिमी कल्चर समाज को अश्लीलता, नग्नता और बेहयाई की ओर ले जाना चाहता है; इसके विपरीत, हमारा अपने दीनीं भाईयों और दूसरे जवानों के प्रति क्या कर्तव्य है?

मिसाल के तौर पर इमामे ज़माना (अ.स.) के इंतज़ार के मामले में, हमारे तीन अहम् काम है। इन शा अल्लाह हम सभी हज़रत का इंतज़ार कर रहे हैं। पहला काम खुदसाज़ी अर्थात आत्म-सुधार है, खुद का निर्माण करना और आध्यात्मिक, बौद्धिक और नैतिक रूप से खुद को मजबूत करना। दूसरा कार्य परिवर्तन करना है; जितना संभव हो हम एक दूसरे की मदद करें और समाज को सुधारे। तीसरा कार्य उनके आने का आधार तैयार करना है ताकि संपूर्ण मानव समाज को न्याय का स्वाद चखने के लिए तैयार किया जा सके। हमे आगे बढ़ना है तो टीम वर्क करना होगा अकेले के बस की बात कुछ नहीं है इमाम भी अकेले नहीं आएँगे। जब तक उनके साथी न मिल जाएं नहीं आएँगे।

आयतुल्लाह रमजानी ने ईरान को दुनिया के वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों में से एक माना और कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के पास वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक क्षेत्र में 45 वर्षों का अनुभव है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह दुनिया में 57वें स्थान पर था, लेकिन अब यह 16वें पर पहुंच गया है। ईरान वैज्ञानिक क्षेत्र के कुछ मामलों में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में से एक है। ईरान की वैज्ञानिक प्रगति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और इस प्रगति को लैटिन अमेरिकी युवाओं तक स्थानांतरित करना संभव है। वह ईरान आ सकते हैं और चिकित्सा और इंजीनियरिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन कर सकते हैं।

स्थानीय जवानों की ओर से पेश किये गए मसाएल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम वास्तव में परिवार, समाज, संस्कृति और राजनीति जैसे क्षेत्रों में अहले-बैत (अ.स.) की इल्मी और अमली ज़िंदगी से परिचित नहीं हैं। अहले-बैत (अ.स.) की जीवनशैली को जानना चाहिए और यह शैली निजात देने वाली है।

इस्लामी इंक़ेलाब के दूसरे चरण में अपने बयान में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सात सिफ़ारिशें करते हुए कहा कि यदि किसी समाज को विकास करना है तो उसे इन सात सिफ़ारिशों का पालन करना होगा। पहली सिफ़ारिश है वैज्ञानिक प्रगति, दूसरी सिफ़ारिश है नैतिकता और आध्यात्मिकता; तीसरी सिफ़ारिश है न्याय की मांग और चौथी सिफ़ारिश है भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई। सातवीं सिफ़ारिश के रूप में उन्होंने इस्लामी जीवनशैली को ज़रूरी माना है जो कि इस्लामी सभ्यता के सॉफ्टवेयर की तरह है।

आयतुल्लाह रमज़ानी ने कहा कि युवाओं को मैदान में उतरना होगा, दृढ़ इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है। शहीद कासिम सुलेमानी कहते थे कि तुम्हें मैदान में रहना चाहिए। दीन इंसान की निजात का फार्मूला है, हमें धर्म और उसके सत्य की ओर पलटना चाहिए।

शुरुआत में कम लोग होते हैं, काम काम से ही शुरू होता है। रसूले इस्लाम ने मक्का में नमाज़े जमाअत शुरू की तो तीन लोग होते थे और मक्के के मुशरिक और काफिर ऊँट की गंदगी पैग़म्बर पर डालते रहते थे लेकिन आज दुनियाभर में नमाज़े जमाअत में कितने लोग होते हैं?

इख़्लास और ईमानदारी बहुत ज़रूरी है और अगर हम सही तरीके से काम शुरू करेंगे तो अल्लाह हमारा मददगार है और मुश्किलों के समय वही हमारा साथ देगा और अपनी क़ुदरत दिखाएगा। इसका एक उदाहरण मूसा नबी की दास्तान है। फिरौन का लश्कर मूसा और उनके साथियों का पीछा करता रहा यहाँ टी वह नील तक पहुँच गए अब आगे दरिया और पीछे फिरौन का लश्कर था। मूसा के साथी कहने लगे अब तो हमारा काम हो गया «فَلَمَّا تَراءَا الْجَمْعانِ قالَ أَصْحابُ مُوسى‌ إِنَّا لَمُدْرَكُونَ» लेकिन जनाबे मूसा ने कहा «قَالَ كَلَّا إِنَّ مَعِيَ رَبِّي سَيَهْدِينِ»؛ नहीं , मेरे साथ मेरे खुदा है और वही मेरी हिदायत करेगा।

आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि बजट की कमी जैसी बातें हाशिए की चर्चाएं हैं। बहुत कम बजट में भी लोगों ने बड़े बड़े काम किए हैं। बहुत से लोगों के पास बहुत बजट है, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकते। हमें उन तरीकों की पहचान करने की आवश्यकता है जिन के ज़रिये हम लैटिन अमेरिकी देशों में जवानों के लिए काम कर सकते हैं। इनमें से एक तरीका वर्चुअल स्पेस और सोशल नेटवर्क की क्षमता का उपयोग करना है। आज दुनिया का सबसे बड़ा देश वर्चुअल स्पेस है, जहां दुनिया के 63.2% लोग यानी पांच अरब लोग इस स्पेस में मौजूद हैं और वर्चुअल स्पेस में मौजूदगी का सबसे ज्यादा प्रतिशत अमेरिका का है। यहाँ मौजूद जवान और उस्ताद अपनी मातृ भाषा में यहाँ उपस्थित हैं। हमें इस मंच का उपयोग करना चाहिए।