अमेरिकी कांग्रेस ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए भारत के विवादास्पद क़ानून सीएए पर गहरी चिंता जताते हुए इसे भारीतय संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा है कि इस से भारतीय मुसलमानों के अधिकारों को खतरा है।
हालाँकि सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए ) को लेकर भारतीय सरकार लगातार कहती आई है कि यह नागरिकता लेने वाला कानून नहीं है लेकिन हाल ही में सामने आई अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में सीएए को लेकर चिंता जताई गई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि "सीएए के प्रमुख प्रावधान - मुसलमानों को छोड़कर तीन देशों के छह धर्मों के अप्रवासियों को नागरिकता का मार्ग प्रदान करना - भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नियोजित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के साथ मिलकर, सीएए भारत की मुस्लिम आबादी के अधिकारों को खतरे में डाल सकता है। सीएए का विरोध करने वाले लोग सत्तारूढ़ भाजपा से सावधान हैं, जो हिंदू बहुसंख्यकवादी, मुस्लिम विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, जो आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के रूप में भारत की स्थिति को खतरे में डालता है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों और दायित्वों का उल्लंघन करता है।