नेस्ले का दोहरा रवैया एक बार फिर उजागर हो गया जहाँ यह कंपनी अमेरिका और यूरोप के बच्चों को कीमती और मूलयवान मानते हुए अच्छा प्रॉडक्ट दे रही है वहीँ भारत के साथ दोग़ला रवैया अपना रही है। यह जनाकर वास्तव में हैरत होगी कि यह कंपनी हमारे नौनिहालों को क्या खिला रही।
एक संगठन ने खुलासा किया है कि नेस्ले भारत में बच्चों के लिए जो खाना बेचता है उसमें उच्च मात्रा में अतिरिक्त चीनी होती है, जबकि यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और दूसरे विकसित देशों में ऐसे प्रोडक्ट में चीनी नहीं होती है। स्विस संगठन पब्लिक इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN) ने ये खुलासा किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि Nestle कई देशों में शिशु के दूध और अनाज उत्पादों में चीनी मिलाता है। यह मोटापे और पुरानी बीमारियों को रोकने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। उल्लंघन केवल एशियाई, अफ़्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में पाए गए।
मीडिया रिपोर्टों में डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ निगेल रॉलिन्स के हवाले से कहा गया है कि "यह एक दोहरा मापदंड है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।