رسول اكرم صلى الله عليه و آله و سلم
يُعَذِّبُ اللَّهُ اللِّسَانَ بِعَذَابٍ لَا يُعَذِّبُ بِهِ شَيْئاً مِنَ الْجَوَارِحِ فَيَقُولُ أَيْ رَبِّ عَذَّبْتَنِي بِعَذَابٍ لَمْ تُعَذِّبْ بِهِ شَيْئاً فَيُقَالُ لَهُ خَرَجَتْ مِنْكَ كَلِمَةٌ فَبَلَغَتْ مَشَارِقَ الْأَرْضِ وَ مَغَارِبَهَا فَسُفِكَ بِهَا الدَّمُ الْحَرَامُ وَ انْتُهِبَ بِهَا الْمَالُ الْحَرَامُ وَ انْتُهِكَ بِهَا الْفَرْجُ الْحَرَامُ
रसूले अकरम (स.अ) ने इरशाद फ़रमाया कि
खुदा वंदे आलम जबान पर ऐसा अज़ाब नाज़िल करेगा कि जो बदन के किसी दूसरे हिस्से पर नाज़िल नही किया होगा तो जबान परवरदिगार से शिकवा करेगी कि बारे इलाहा ! तूने क्यो मुझ पर ऐसा अज़ाब नाज़िल किया जो बदन के किसी दूसरे हिस्से पर नाज़िल नही किया तो अल्लाह जवाब देगा कि तुझसे ऐसी बाते निकली है कि जो पूरब से पश्चिम तक फैल गई और उनकी वजह से बहुत सा खूने नाहक़ बहा और बहुत सा माल नाहक़ गारत हुआ।
(उसूले काफी, जिल्द 2, पेज न.115, हदीस न. 16)