ईरान ने अपने वादे के अनुरूप दमिश्क़ में अपने दूतावास पर हुए ज़ायोनी हमले की प्रतिक्रिया में ज़ायोनी सेना के कई ठिकानों को मक़बूज़ा फिलस्तीन में निशाना बनाया। अमेरिका और ब्रिटेन की चेतावनी और धमकियों के बाद भी ईरान के इस कड़ी कार्रवई की चारों ओर चर्चा हो रही है। अमेरिका ने एक बार फिर इस्राईल का सुरक्षा कवच बनते हुए ईरान के कई ड्रोन नष्ट करने का दावा किया है वहीँ ईरान ने कहा है कि हमने अपने वचन के अनुसार बदले की कार्रवाई की है। अमेरिका को इस पूरे घटनाक्रम से दूर रहना चाहिए।
इस्राईल पर कई ड्रोन हमले के बाद ज़ायोनी राष्ट्र के सबसे करीबी सहयोगी अमेरिका को भी ईरान ने कड़ी चेतावनी दी और उसे इस संघर्ष से दूर रहने को कहा है। ईरान ने कहा कि अगर इस्राईल ने एक और गलती की तो उसका घातक अंजाम होगा। ईरान ने कहा कि उसका बदला अब पूरा हो गया है।
यूएन में ईरान के स्थायी मिशन ने कहा कि अपनी रक्षा से संबंधित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के आधार पर, ईरान की सैन्य कार्रवाई दमिश्क में हमारे राजनयिक परिसर के खिलाफ जायोनी शासन की आक्रामकता के जवाब में थी। अब मामले को समाप्त माना जा सकता है।
वहीँ अमेरिका और ब्रिटेन की सीधी धमकियों के बाद भी ईरान की जवाबी कार्रवाई से सकते में आए ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने रक्षात्मक और आक्रामक तरीके से जवाब देने की कसम खाई और कहा कि इस्राईल वर्षों से ईरान द्वारा सीधे हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा है।