اَللّهُمَّ اجْعَلْ صِیامِی فِیهِ بِالشُّکرِ وَ الْقَبُولِ عَلَی مَا تَرْضَاهُ وَ یرْضَاهُ الرَّسُولُ مُحْکمَةً فُرُوعُهُ بِالْأُصُولِ بِحَقِّ سَیدِنَا مُحَمَّدٍ وَ آلِهِ الطَّاهِرِینَ وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِینَ
ख़ुदाया इस महीने के रमज़ान के रोज़ों को उसी तरह पसंदीदा और मक़बूल क़रार दे जिस तरह तू और तेरा रसूल चाहता है क्योंकि उसके फ़ुरूअ और उसके उसूल के बीच अटूट रिश्ता है तुझे पैग़म्बर स.अ. और उनकी पाकीज़ा आल अ.स. का वास्ता है और सारी तारीफ़ उस अल्लाह के लिए जो आलमीन का पालने वाला है।