اَللّهُمَّ غَشِّنِی فِیهِ بِالرَّحْمَةِ وَ ارْزُقْنِی فِیهِ التَّوْفِیقَ وَ الْعِصْمَةَ وَ طَهِّرْ قَلْبِی مِنْ غَیاهِبِ التُّهَمَةِ یا رَحِیما بِعِبَادِهِ الْمُؤْمِنِینَ
ख़ुदाया आज के दिन मुझे रहमत से ढ़ांप दे और मुझे नेकी की तौफ़ीक़ दे और बुराई से दूर रख और मेरे दिल को तोहमत (आरोप) के अंधेरों से पाक कर दे, ऐ अपने बंदों पर बहुत रहम करने वाले।