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रविवार

7 अप्रैल 2024

9:25:32 am
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कमाल मौला मस्जिद का सर्वे जारी, हिंदू पक्ष के दावे को मुस्लिम पक्ष ने नकारा

सुप्रीम कोर्ट ने काजी मोइनुद्दीन की पिटीशन पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि आप इस मामले में हाईकोर्ट में पक्षकार नहीं थे इसलिए सुप्रीम कोर्ट आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता आप हाईकोर्ट में जाकर अपनी बात रख सकते हैं।

16वीं सदी की कमाल मौला मस्जिद को लेकर विवाद जारी है। एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन धार की भोजशाला में जिसे कमाल मौला मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है एएसआई के सर्वेक्षण का काम तेजी से चल रहा है। भोजशाला में आज 16वें दिन भी सर्वे जारी रहा। इस दौरान एएसआई के 20 अफसर और 31 मजदूर यहाँ मौजूद रहे।

सर्वे के बाद हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया की भोजशाला में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। टीम ने भोजशाला ने 13 गड्डे चिन्हित किए गए हैं, जिनमें 3 की खुदाई चल रही है। वहीं, भोजशाला के गर्भग्रह के पास से मिट्टी हटाने का भी काम किया गया। हालांकि, इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया था कि हिंदू पक्ष का दावा ‘भ्रामक’ है।

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर एएसआई ने भोजशाला के कैपंस में 22 मार्च से सर्वे शुरू किया है। कोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई से इनकार कर दिया। दरअसल, कल सुप्रीम कोर्ट ने काजी मोइनुद्दीन की पिटीशन पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि आप इस मामले में हाईकोर्ट में पक्षकार नहीं थे इसलिए सुप्रीम कोर्ट आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता, आप हाईकोर्ट में जाकर अपनी बात रख सकते हैं।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वहां कोई ऐसी खुदाई ना की जाए जिससे धार्मिक ढांचे में बदलाव आए। बता दें कि एएसआई द्वारा संरक्षित इस इमारत पर विवाद शुरू होने के बाद एएसआई ने 7 अप्रैल 2003 को एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि हिंदुओं को हर मंगलवार को यहाँ पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार यहां नमाज अदा करने की इजाजत है।