اَللّهُمَّ إِنِّی أَسْأَلُک فِیهِ مَا یرْضِیک وَ أَعُوذُ بِک مِمَّا یؤْذِیک وَ أَسْأَلُک التَّوْفِیقَ فِیهِ لِأَنْ أُطِیعَک وَ لاأَعْصِیک یا جَوَادَ السَّائِلِینَ
ख़ुदाया आज के दिन मैं तुझ से उस चीज़ का सवाल कर रहा हूं जो तुझे पसंद है और उस चीज़ से पनाह चाहता हूं जो तुझे ना पसंद है और तुझ से तौफ़ीक़ की दुआ मांगता हूं ताकि तेरी इताअत करूं और तेरी मासियत से बच सकूं, ऐ मांगने वालों को बहुत ज़्यादा अता करने वाले।