अमीरुलमोमेनीन हज़रत अली अलै. ने फ़रमाया:
إنَّ ماضی یَومِكَ مُنتَقِلٌ و باقیهِ مُتّهمٌ فَاغتَنِمْ وَقتَكَ بِالعَمَلِ!
अमीरुलमोमेनीन हज़रत अली अलै. ने फ़रमाया:
कल गुज़र गया और आइंदा कल का भी इत्मीनान नहीं, लेहाज़ा अपने आज को नेक और सालेह आमाल अंजाम देने के साथ ग़नीमत शुमार करो।
ग़ररुलहकम: 3461