AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
सोमवार

1 अप्रैल 2024

9:57:07 am
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इस्राईल के चक्कर में बुरा फंसा सऊदी अरब, एक तरफ जनता दूसरी तरफ अमेरिका

ज़ायोनी हमलों के खिलाफ सऊदी लोग फिलिस्तीन के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं। सऊदी अधिकारी किसी ना किसी तरह से ऐसा करने वालों को रोक भी रहे हैं। सऊदी सरकार को डर है कि जिस तरह के हालात फिलिस्तीन में बन रहे हैं, वह उनकी युवा आबादी को......

फिलिस्तीन में इस्राईल की ओर से जारी जनसंहार के खिलाफ आले सऊद शासन के विपरीत सऊदी जनता का ग़ुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। हालाँकि सऊदी अधिकारी जनाक्रोश को देखते हुए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि देश में ऐसी कोई लहर न फैले। हाल ही में रियाज़ के राजनयिक क्वार्टर में फिलीस्तीन के समर्थन में टीशर्ट पहने एक शख्स को पुलिस ने रोक दिया। पुलिस अधिकारियों को लगा कि इससे कई लोग इस तरह की कोशिश कर सकते हैं। ज़ायोनी हमलों के खिलाफ सऊदी लोग फिलिस्तीन के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं। सऊदी अधिकारी किसी ना किसी तरह से ऐसा करने वालों को रोक भी रहे हैं। सऊदी सरकार को डर है कि जिस तरह के हालात फिलिस्तीन में बन रहे हैं, वह उनकी युवा आबादी को कट्टरपंथ की ओर धकेल सकते हैं।

फाइनेंशनल टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि सऊदी अरब के नेता ग़ज़्ज़ा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष से अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए उत्पन्न खतरे के बारे में चिंतित हैं। सऊदी अधिकारियों ने बार-बार युद्ध रोकने का आह्वान किया है। उसने इस्राईल पर ग़ज़्ज़ा में युद्ध अपराध करने के आरोप भी लगाए हैं। सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में फरवरी में आयोजित मानवाधिकार परिषद की एक बैठक में कहा था कि फिलिस्तीन में दुखद स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ग़ज़्ज़ा के लोग विस्थापित हो रहे हैं और मानवाधिकारों के उल्लंघन के सबसे भयानक रूपों से पीड़ित हैं तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप कैसे रह सकता है।

वहीँ दूसरी तरफ सऊदी अरब पर अमेरिका के दबाव निरंतर बढ़ता ही जा रहा है कि वह इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर दे। रिपोर्ट कहती है कि 7 अक्टूबर को हमास के सैन्य अभियान से पहले सऊदी अरब एक ऐसे समझौते की ओर बढ़ रहा था, जिसके तहत एक नई अमेरिकी रक्षा संधि और वाशिंगटन के साथ एक सामान्यीकरण समझौते के बदले में परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने का समझौता किया जाना था। लेकिन अब यह सब पीछे छूट गया है।