اَللّهُمَّ اجْعَلْ لِی فِیهِ إِلَی مَرْضَاتِک دَلِیلا وَ لاتَجْعَلْ لِلشَّیطَانِ فِیهِ عَلَی سَبِیلا وَ اجْعَلِ الْجَنَّةَ لِی مَنْزِلا وَ مَقِیلایا قَاضِی حَوَائِجِ الطَّالِبِینَ
ख़ुदाया आज के दिन अपनी पसंदीदा रास्तों की तरफ़ मेरी राहनुमाई फ़रमा और शैतान से मुझ पर से हर तरह का एख़्तियार छीन ले और जन्नत को मेरा ठिकाना क़रार दे, ऐ मांगने वालों की हाजतें पूरी करने वाले।