اَللّهُمَّ ارْزُقْنِی فِیهِ طَاعَةَ الْخَاشِعِینَ وَ اشْرَحْ فِیهِ صَدْرِی بِإِنَابَةِ الْمُخْبِتِینَ بِأَمَانِک یا أَمَانَ الْخَائِفِینَ
ख़ुदाया आज के दिन मुझे ख़ुज़ूअ और ख़ुशूअ रखने वालों के जैसी इताअत नसीब फ़रमा, तेरी ज़ात में फ़ना हो जाने वालों की तरह मेरे सीने में वुसअत दे, अपनी पनाह के वसीले से ऐ डरे हुओं की पनाहगाह।