मथुरा की शाही ईदगाह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए मुस्लिम पक्ष को झटका दिया है। सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिम पक्ष से हाईकोर्ट जाने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मसले पर एक साथ सुनवाई करने का का आदेश दिया था जिसके खिलाफ ईदगाह समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
बता दें कि यह विवाद 13.37 एकड़ की जमीन को लेकर है। दरअसल 11 एकड़ में श्रीकृष्ण मंदिर जबकि 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह की मस्जिद है। हिंदू पक्ष का मस्जिद वाले जमीन पर भी दावा है और वह 1968 के जमीन समझौता को सही नहीं मानता।
इससे उलट, मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष के दावे को गलत मानता है। मुस्लिम पक्ष 1968 में हुए जमीन समझौते और प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की बात कह कर हिंदू पक्ष के दावे को सिरे से खारिज करता है।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का कानून है। यह कानून पीवी नरसिम्हा राव की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार लेकर आई थी। इस कानून में प्रावधान था कि 15 अगस्त 1947 को जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति होगी, वह उसी हिसाब से जस की तस रहेगी।