اَللّهُمَّ أَعِنِّی فِیهِ عَلَی صِیامِهِ وَ قِیامِهِ وَ جَنِّبْنِی فِیهِ مِنْ هَفَوَاتِهِ وَ آثَامِهِ وَ ارْزُقْنِی فِیهِ ذِکرَک بِدَوَامِهِ بِتَوْفِیقِک یا هَادِی الْمُضِلِّینَ
ख़ुदाया आज के दिन मुझे रोज़ा रखने और इबादत करने में मदद दे और उसमें मुझे बेकार बातों और गुनाहों से बचाए रख और मुझे यह तौफ़ीक़ दे कि तेरा ज़िक्र करूं और तेरे बारे में सोचूं, ऐ गुमराहों को हिदायत देने वाले।