ईरान रूस और चीन के साथ मिलकर हिन्द महासागर में संयुक्त सैन्याभ्यास कर रहा है। ईरान, चीन और रूस का संयुक्त सुरक्षा बेल्ट अभ्यास 2024 चल रहा है जिसमें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शहीद महमूदी, शहीद कासिम सुलेमानी, शहीद अबू मेहदी अल-मुहंदिस और शहीद तवस्सुली के नाम पर बने युद्धपोत और हेलीकॉप्टर भाग ले रहे हैं। आईआरजीसी नौसेना में शामिल किए गए ये नए जहाज पहली बार इस संयुक्त अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
इन युद्धपोतों की एक महत्वपूर्ण विशेषता लंबे समुद्री अभियानों में भाग लेने और नवीनतम स्वदेशी रूप से विकसित हथियारों का उपयोग करने की क्षमता से लैस होना है।
इस संबंध में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के इमाम अली बेस के कमांडर ने कहा कि हमने 3 जहाजों और 2 नावों के साथ इस अभ्यास में भाग लिया है और यह अभ्यास 17 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में चल रहा है, जहां दुनिया के तीन प्रमुख सामरिक जलडमरूमध्य स्थित हैं। यह समुद्री क्षेत्र दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और ऊर्जा केंद्र है।
एडमिरल नोज़री ने कहा कि इस अभ्यास को आयोजित करने का उद्देश्य क्षेत्र की सुरक्षा को स्थिर करना और भाग लेने वाले देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि वे वैश्विक शांति, समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण की स्थापना के लिए संयुक्त रूप से सहयोग कर सकें।