प्रतिरोधी कमांडरों की याद में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए हिज़्बुल्लाह लेबनान के जनरल सेक्रेटरी सय्यद हसन नसरुल्लाह ने मीडिल ईस्ट के हालात पर बात करते हुए कहा कि क्षेत्र में हो रहे ख़ून खराबे और यहाँ के विस्फोटक हालात का ज़िम्मेदार अमेरिका है।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव ने कहा कि सबसे बड़ा पाखंड जो आज दुनिया देख रही है वह ग़ज़्ज़ा के घटनाक्रम पर अमेरिकी सरकार का रुख है। यदि अमेरिका इस्राईल का समर्थन और उसे हथियारों की आपूर्ति करना बंद कर दे तो नेतन्याहू चाहें या न चाहें, सीधे तौर पर यह जंग बंद हो जायेगी।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अमेरिकी सरकार क्षेत्र में खून की हर बूंद के लिए जिम्मेदार है ज़ायोनी अधिकारी तो उसके हाथ की कठपुतली हैं।
सय्यद नसरुल्लाह ने कहा कि ऑपरेशन स्टॉर्म अल-अक्सा से पता चला कि इस्राईल जिस लक्ष्य पर काम कर रहा था वह फिलिस्तीनियों को विस्थापित करना और एक पूर्ण-यहूदी राज्य बनाना था।
सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि ग़ज़्ज़ा की घेराबंदी का लक्ष्य इस क्षेत्र के लोगों को दुनिया को बेखबर रखते हुए शांति के साथ मारना था। ज़ायोनी लॉबी का लक्ष्य है कि वेस्ट बैंक के लोगों को जॉर्डन, ग़ज़्ज़ा के लोगों को मिस्र और सीमा 48 के फ़िलिस्तीनियों को लेबनान में स्थानांतरित करना है।
सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि अब हमारी जिम्मेदारी इस जबरन प्रवास को रोकना है और इसके लिए बड़े पैमाने पर दुश्मन का मुक़ाबला करने की ज़रूरत है।