प्रतिरोधी शहीदों की याद में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए हिज़्बुल्लाह लेबनान के जनरल सेक्रेटरी सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा की अवैध राष्ट्र इस्राईल किसी नियम और क़ायदे को नहीं मानता। लेबनन में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किये गए हमले और आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की हत्या का अंजाम इस्राईल को भुगतना होगा।
उन्होंने कहा कि कल कत्युशा और फ्लैक रॉकेटों के साथ किर्यात शमौनेह और ज़ायोनी बस्तियों पर हमला ज़ायोनी अपराधों की प्रारंभिक प्रतिक्रिया थी। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि दुश्मन अल-नबातियह और अल-स्वाना में हमारी महिलाओं और बच्चों के खून की कीमत चुकाएगा। लेबनानी नागरिकों का खून बहाने का जवाब खून ही होगा, अब सिर्फ सैन्य ठिकानों को ही निशाना नहीं बनाया जाएगा।
सय्यद हसन नसरल्लाह ने कहा कि लेबनान में प्रतिरोध के पास विशाल और सटीक मिसाइल क्षमताएं हैं जो किर्यत शमौनेह से लेकर इलात तक किसी भी क्षेत्र को निशाना बनाने में सक्षम हैं।
सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि दुश्मन के सामने आत्मसमर्पण करने की कीमत बहुत भारी, महंगी, खतरनाक और घातक है, उन्होंने कहा: आत्मसमर्पण का अर्थ है अपमान, गुलामी और हमारे बड़े और छोटे के साथ-साथ हम सबका अपमान। सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि वह देश जहाँ 2 अरब मुस्लिम हैं और वह ग़ज़्ज़ा के लोगों के लिए दवा और भोजन भेजने में भी असमर्थ हैं क्या यह अपमान और कमजोरी का उदाहरण नहीं हैं?
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव ने कहा कि प्रतिरोध ने दुश्मन को अस्तित्व के संकट में डाल दिया है और इस संकट का चरम अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन है।