AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शुक्रवार

16 फ़रवरी 2024

5:01:41 am
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अमेरिका को झटका, यूएई ने हौसी और रेसिस्टेन्स के खिलाफ अपने अड्डे देने से किया इंकार

पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई अरब देशों ने ईरान समर्थित संगठनों के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल करने से अमेरिका पर रोक लगाई है।

फिलिस्तीन में अमेरिका के समर्थन से जनसंहार कर रहे इस्राईल के खिलाफ इस्लामिक रसिस्टेंस और यमन ने कार्रवाई शुरू की तो अमेरिका और ब्रिटेन ने इस्राईल के समर्थन में मोर्चा संभालते हुए यमन और प्रतिरोध के खिलाफ हमले शुरू कर दिए जिसमे उन्होंने खाड़ी के अरब और मुस्लिम देशों में मौजूद अपने अड्डों का इस्तेमाल किया। अब अरब देशों ने धीरे धीरे अमेरिका को अपने अड्डों को यमन और प्रतिरोधी दलों के खिलाफ हमलों के लिए इस्तेमाल करने से मना कर दिया है।

ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी हमलों के जवाब में ईरान समर्थित रेजिस्टेंस ग्रुप मध्य पूर्व के कई देशों से ज़ायोनी और अमेरिकी अड्डों को निशाना बना रहे हैं। लाल सागर में यमन, लेबनान से हिज़्बुल्लाह और इराक में इस्लामिक रेजिस्टेंस एक्टिव हैं। इन हमलों से निपटने के लिए पिछले महीने अमेरिका ने एक संयुक्त सेना बनाकर ईरान समर्थित रेजिस्टेंस संगठनों पर हमले शुरू किए हैं। जिसके बाद क्षेत्र में जंग फैलने का डर बना हुआ है।

अमेरिका खाड़ी देशों में मौजूद अपने आर्मी बेसिस से ईरान समर्थित रेजिस्टेंस को निशाना बना रहा है, लेकिन अब संयुक्त अरब अमीरात ने अमेरिका को ईरान और यमन के खिलाफ अपनी ज़मीन इस्तेमाल करने से रोक दिया है।

पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई अरब देशों ने ईरान समर्थित संगठनों के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल करने से अमेरिका पर रोक लगाई है।

कई अरब देश ईरान के साथ अपने रिश्ते सुधार रहे हैं ऐसे में अमेरिका का खुले तौर पर ईरान समर्थित संगठनों के खिलाफ साथ देना उनके इन प्रयासों पर पानी फेर सकता है। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पोलिटिको को बताया कि जैसे-जैसे ग़ज़्ज़ा में मौत की तादाद बढ़ रही है वैसे वैसे अरब देश अमेरिका को रेजिस्टेंस ग्रुप पर हमला करने के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल को सीमित कर रहे हैं।

अरब देशों के उपर अंदरूनी दबाव भी बढ़ रहा है। अरब देशों की जनता इस्राईल पर अरब देशों के सुस्त रुख को लेकर अपने नेताओं से दुखी है और अरब शासकों के खिलाफ आवाज़ उठना शुरू हो गयी है।

ग़ज़्ज़ा यु्द्ध के बाद ईरान की छवि मुस्लिम वर्ल्ड में लीडर के तौर पर उभरी है जिसको सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात कभी बर्दाशत नहीं करेंगे। ऐसे में ईरान समर्थित संगठनों पर हमला करने में अमेरिका की मदद कर वह अपनी छवि और खराब नहीं करना चाहते।