अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में मुस्लिमों के घरों, कारोबारों और उपासना स्थलों के व्यापक और गैरकानूनी विध्वंस को तत्काल रोकने का आह्वान किया है।एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में होने वाली ‘बुलडोज़र कार्रवाइयों’ को लेकर दो रिपोर्ट जारी करते हुए मुस्लिमों के घरों, कारोबार और उपासना स्थलों के व्यापक और ग़ैर-क़ानूनी विध्वंस को तत्काल रोकने का आह्वान किया है। रिपोर्ट बताती है कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में ‘सज़ा के तौर’ पर सर्वाधिक 56 बुलडोज़र कार्रवाइयां हुईं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 7 फरवरी को दो रिपोर्ट- ‘इफ यू स्पीक अप, योर हाउस विल बी डेमॉलिश्ड: बुलडोज़र इनजस्टिस इन इंडिया’ (अगर आप आवाज़ उठाएंगे, तो आपका घर गिरा दिया जाएगा: भारत में बुलडोजर अन्याय) और ‘अनअर्दिंग एकाउंटेबिलिटी: जेसीबीज़ रोल एंड रेस्पॉन्सिबिलिटी इन बुलडोज़र इनजस्टिस इन इंडिया’ (भारत के बुलडोजर अन्याय में जेसीबी की भूमिका और जिम्मेदारी) जारी की हैं।
इस रिपोर्ट में भारत के कम से कम पांच राज्यों में जेसीबी-ब्रांड के बुलडोजर का इस्तेमाल करके मुस्लिम स्वामित्व वाली संपत्तियों को सजा के तौर पर ध्वस्त करने की कार्रवाइयों को दर्ज करते हुए इसे ‘अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ घृणा अभियान’ कहा गया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘भारतीय अधिकारियों द्वारा मुस्लिम संपत्तियों का गैरकानूनी विध्वंस, जिसे ‘बुलडोजर न्याय’ कहा जाता है, क्रूर और भयावह है। इस तरह का विस्थापन और बेदखली बेहद अन्यायपूर्ण, गैरकानूनी और भेदभावपूर्ण है. वे परिवारों को तबाह कर रहे हैं और उन्हें तुरंत रुकना चाहिए।