ग़ज़्ज़ा में पिछले 100 दिन से भी अधिक समय से इस्राईल के बर्बर हमले जारी है। फिलिस्तीनियों के जनसंहार के बीच इस्राईल के लिए तुर्की अमेरिका ब्रिटेन के बाद सबसे बड़े सहारे के रूप में उभरा है।
कहने को तो ग़ज़्ज़ा युद्ध पर तुर्की ने अपने आधिकारिक बयानों में हमेशा फिलिस्तीन का पक्ष लिया है और दावा किया है कि ज़ायोनी शासन ने ग़ज़्ज़ा के निवासियों के खिलाफ अपराध किए हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है।
तुर्की और इस्राईल के बीच ज़बानी जंग जारी है अर्दोग़ान और नेतन्याहू एक दुसरे पर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे इसी बीच ज़ायोनी शासन के विदेश मामलों के मंत्री एली कोहेन ने कहा, जब तक अर्दोग़ान सत्ता में हैं ज़ायोनी राजदूत अंकारा नहीं लौटेंगे।
लेकिन इन सबके बीच तुर्की से इस्राईल को भारी मात्रा में ज़रूरत का सामान पहुँचाया जा रहा है और ग़ज़्ज़ा में फिलिस्तीनी जनता के जनसंहार के बीच तुर्की और इस्राईल के बीच लेनदेन इसी तरह जारी है।
ज़ायोनी मीडिया का कहना है कि तुर्की से इस्राईल में अभी भी कई सामान बिना किसी रोक टोक के आयात किए जा रहे हैं। मध्यपूर्व के मामलों पर नज़र रखने वाले विश्लेषक अर्दोग़ान और नेतन्याहू के बीच जारी ज़बानी जंग को पाखंड और दुनिया को बेवक़ूफ़ बनाने तथा इस्लामी दुनिया और मुसलमानों के जनमत को तुर्की और अर्दोग़ान की तरफ मोड़ने की साज़िश बताते हुए कहते हैं कि अगर तुर्की सच में फिलिस्तीन का समर्थक और हमदर्द है तो उसे अवैध राष्ट्र इस्राईल से अपने वाणिज्यिक और राजनीतिक संबंधों को पूरी तरह से तोड़ देना चाहिए।