अंग्रेजी अखबार गार्जियन ने प्रतिदिन क्षेत्र में घटते अमेरिकी प्रभाव के बारे में लिखते हुए लिखा है कि ईरान, अपने सहयोगी रूस और चीन के समर्थन से, अब मध्य पूर्व में पहली बड़ी शक्ति बन गया है।
गार्जियन ने कहा कि मध्य पूर्व में वाशिंगटन का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस अख़बार ने लिखा, यमन के खिलाफ अमेरिकी और ब्रिटिश हवाई हमलों को मध्य पूर्व में विफल पश्चिमी नीतियों की एक और निराशाजनक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जबकि ईरान इस क्षेत्र की पहली शक्ति बन गया है।
गार्जियन ने कहा कि यमन के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन की कार्रवाई यह बताने के लिए पर्याप्त है कि वाशिंगटन का राजनीतिक प्रभाव कम हो रहा है जबकि उसकी कूटनीति भी अप्रभावी हो गई है और उसका प्रभाव कम हो रहा है।
अंसारुल्लाह ने बिना किसी डर के लाल सागर में अपने हमले जारी रखने पर जोर दिया है। यह परेशान करने वाला तनाव, जिसका कोई अंत नहीं दिख रहा है, एक और अप्रिय वास्तविकता को भी उजागर करता है और वह यह कि अमेरिका, पश्चिमी देशों का पिट्ठू मिस्र, सऊदी अरब या यहां तक कि इस्राईल भी अब मध्य पूर्व में प्रमुख शक्ति नहीं हैं, बल्कि यमन के मुख्य सहयोगी ईरान ने यह स्थान ले लिया है।