हमास के साथ क़ैदियों की अदलाबदली के समझौते के बाद आज़ाद हुई एक इस्राईली महिला ने ज़ायोनी सेना के काले कारनामों से पर्दा उठाते हुए सनसनी ख़ेज़ ख़ुलासा किया जिस से मिडिया में हलचल मची हुई है।
दिसंबर की शुरुआत में कैदियों की अदला-बदली के समझौते के बाद रिहा की गई एक इस्राईली कैदी का कहना है कि ज़ायोनी सेना ने उस जगह पर बमबारी की, जहां वह और उसके चार साल के दो बच्चे मौजूद थे, जबकि सेना को पता था कि बंदियों को कहां रखा जा रहा है।
ज़ायोनी चैनल 12 से बात करते हुए इस महिला ने कहा कि हमने जो कुछ ग़ज़्ज़ा में देखा और जो चल रहा है उसके आधार पर यक़ीन से कहा जा सकता है कि बंदियों की सकुशल वापसी नेतन्याहू कैबिनेट की प्राथमिकता नहीं है।
ब्रोडिच ने कहा कि हम जिस बिल्डिंग में थे ज़ायोनी सेना ने उसके नज़दीक वाली इमारत को भीषण हमलों का निशाना बनाया। सभी खिड़कियाँ फट गईं और दीवारें ढह गईं!" वह कहती है कि यह एक "चमत्कार ही था कि हम पांच लोग केवल मामूली चोटों के साथ बाहर निकल आए।"