AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

6 दिसंबर 2023

5:49:58 am
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अय्यामे फ़ातिमिया

हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ. क़ुर्आन के आईने में-1

पैग़म्बर स.अ. हर दिन सुबह की नमाज़ के लिए उठने के बाद जब मस्जिद की तरफ़ तशरीफ़ ले जाते तो रास्ते में हज़रत ज़हरा स.अ. के मुबारक और आसमानी घर के पास रुकते और ऊंची आवाज़ में फ़रमाते: सलाम हो आप पर ऐ अहलेबैत और फिर आयते ततहीर की तिलावत करते।


हज़रत ज़हरा स.अ. का शुमार चौदह मासूमीन अ.स. और अल्लाह के ख़ास औलिया में होता है, क़ुर्आन में अल्लाह ने अहलेबैत अ.स. की शान में बहुत सी आयतें नाज़िल की हैं जिनमें से कुछ यहां पर बयान कर रहे हैं:

आयते ततहीर

जिसमें अल्लाह का इरशाद है: ऐ पैग़म्बर (स.अ.) के अहलेबैत (अ.स.) अल्लाह चाहता है कि तुमसे नापाकी को दूर कर दे और तुमको बिल्कुल पाक साफ़ कर दे (सूरए अहज़ाब, आयत 33)

इस आयत के शाने नुज़ूल के सिलसिले में मुतावातिर रिवायतें मौजूद हैं जिनसे यह ज़ाहिर होता है कि यह आयत उम्मे सलमा के घर में नाज़िल हुई, जिस समय यह आयत नाज़िल हुई उस समय पैग़म्बर स.अ., हज़रत ज़हरा स.अ., इमाम हसन अ.स. और इमाम हुसैन अ.स. एक जगह जमा थे।

हज़रत उम्मे सलमा, पैग़म्बर स.अ. से चादर के नीचे आने की इजाज़त मांगती हैं जिस पर आप मना करते हुए फ़रमाते हैं कि: आप दाख़िल मत हों, हालांकि आप अच्छाई की राह पर हैं लेकिन यह आयत केवल पंजतन के लिए है।

जिन असहाब ने इस आयत के शाने नुज़ूल और इस आयत का केवल पंजतन से संबंध बताया है और उनकी हदीस मुतावातिर हैं वह इस यह लोग हैं: साद इब्ने अबी वक़्क़ास, अबू हमरा हेलाल, उम्मे सलमा, हज़रत आयशा, अबू हुरैरा, माक़ल इब्ने यसार, अबू अल-तुफ़ैल, जाबिर इब्ने अब्दुल्लाह और मेक़दाद इब्ने असवद।

इसमें कोई शक नहीं है कि हज़रत ज़हरा स.अ. अहलेबैत अ.स. में शामिल होने के नाते आयते ततहीर के दायरे में भी हैं, और ख़ुद पैग़म्बर स.अ. ने अपनी ज़िंदगी में अहलेबैत अ.स. का मिसदाक़ बताया है।

असहाब ने नक़्ल किया है कि इस आयत के नाज़िल होने के बाद पैग़म्बर स.अ. हर दिन सुबह की नमाज़ के लिए उठने के बाद जब मस्जिद की तरफ़ तशरीफ़ ले जाते तो रास्ते में हज़रत ज़हरा स.अ. के मुबारक और आसमानी घर के पास रुकते और ऊंची आवाज़ में फ़रमाते: सलाम हो आप पर ऐ अहलेबैत और फिर आयते ततहीर की तिलावत करते। (मुस्नद अहमद, जिल्द 2, पेज 259-285 और शवाहेदुत तंज़ील की दूसरी जिल्द में कई हदीसों में रावी कहता है कि: मैं 6 महीने तक मदीने में था मैं ने देखा पैग़म्बर स.अ. हर दिन इसी काम को अंजाम देते थे।