पहले से ही कई जंगों का सामना कर रही दुनिया को एक और जंग का सामना करना पद सकता है। इस बार जंग दुनियाभर में युद्ध का बाजार गरम करने वाले अमेरिका के आंगन में होगी। कहा जा रहा है कि लैटिन अमेरिका के दो देशों के बीच तलवारें खिंच गई हैं और जंग जैसे हालात बनते दिखाई दे रहे हैं।
वेनेजुएला और पड़ोसी देश गुयाना के बीच घने जंगलों से भरे इस्सेक्यूइबो इलाके को लेकर तनाव गहरा गया है। वेनेजुएला के लोगों ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार की ओर से कराए गए जनमत संग्रह में इस्सेक्यूइबो इलाके को वेनेजुएला के अंदर शामिल करने पर अपनी सहमति जता दी। यह इलाका अरबों डॉलर के तेल भंडार और खनिजों से भरा हुआ है।
वेनेजुएला का दावा है कि एक सदी से भी ज्यादा समय पहले जब दोनों देशों के बीच सीमा का बंटवारा हुआ था तब गुयाना ने उसके इस इस्सेक्यूइबो इलाके को क़ब्ज़ा लिया था।
हालाँकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो कैसे जनमत संग्रह के परिणामों को लागू करेंगे लेकिन गुयाना को बड़ा डर सता रहा है। गुयाना को लग रहा है कि यह जनमत संग्रह इस्सेक्यूइबो इलाके को देश से काटने की दिशा में एक कदम है। वेनेजुएला के राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने अब तक 1 करोड़ से ज्यादा वोटों की गिनती की है लेकिन अभी वोटों के पड़ने का सिलसिला जारी है। वेनेजुएला के मतदाताओं से सवाल किया गया है कि क्या वे विवादित इलाके में एक राज्य स्थापित करने का समर्थन करते हैं।
इस्सेक्यूइबो इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और गुयाना के कुल क्षेत्रफल का दो तिहाई है। वेनेजुएला बहुत लंबे समय से इलाके पर अपना दावा करता रहा है। उसका कहना है कि जब स्पेन का यहां पर उपनिवेश था यह इलाका उसकी सीमा के अंदर आता था। यह पूरा विवाद उस समय ज्यादा बढ़ गया जब हाल ही में इस्सेक्यूइबो इलाके में बहुत बड़े पैमाने पर तेल के भंडार मिले हैं।